NOT KNOWN FACTS ABOUT HINDI STORY

Not known Facts About hindi story

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इतालो काल्विनो की कहानी : 'थेफ्ट इन केक शॉप' जो आज की अर्थनीति से बनाए-गढ़े जानेवाले समाज का एक महत्वपूर्ण क्रिटीक है, 'कफ़न' की बेतहाशा याद आती है.

बाघ उसे बहुत कुछ खिलाता था और स्थिति से अनजान, कानन धीरे-धीरे गुफा में घर जैसा महसूस करने लगी। गुफा में एक चूहा भी रहता था। चूहे ने अगले दिन बाघ को कानन को खाने की बात करते हुए सुना। चूहा तुरंत कानन के पास गया और उसे सारी बात बता दी। चिंतित कानन ने चूहे से उसकी मदद करने को कहा । उसने उसे गुफा से बाहर जाने और एक जादूगर मेंढक से मिलने का सुझाव दिया। कहानी आगे बढ़ती है । मेंढक कानन की मदद करने को तैयार हो जाता है।  पर बदले मे कानन को अपना सेवक बना लेता है।  मेंढक के पास एक जादुई खाल थी।

''एक राजा निरबंसिया थे”—माँ कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार-पाँच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक-से बैठ जाते थे। आटे का सुंदर-सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः ग़ौरें रखी जातीं, जिनमें कमलेश्वर

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश

लड़के पर जवानी आती देख जब्बार के बाप ने पड़ोस के गाँव में एक लड़की तजवीज़ कर ली। लेकिन जब्बार ने हस्बा की लड़की शब्बू को जो पानी भर कर लौटते देखा, तो उसकी सुध-बुध जाती रही। जैसे कथा कहानी में कहा जाता है कि शाहज़ादा नदी में बहता हुआ सोने का एक बाल यशपाल

चारों तरफ से सियारों ने सुरसिंह को नोच-नोच कर जख्मी कर दिया था।

आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ़ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को पसीना पोंछने की फ़ुर्सत न थी। पत्नी ड्रेसिंग गाउन पहने, उलझे हुए बालों का जूड़ा बनाए मुँह पर फैली हुई सुर्ख़ी और पाउडर को मले और मिस्टर शामनाथ सिगरेट पर सिगरेट फूँकते हुए चीज़ों की भीष्म साहनी

Graphic: Courtesy Amazon Created by Agyeya, the pen identify of Satchidananda Hirananda Vatsyayan, this Hindi fiction ebook was initially revealed in 1940. The novel is usually a revolutionary do the job and is taken into account a landmark in Hindi literature. Agyeya, an influential determine from the Chhayavaad movement, provides to existence the tumultuous journey on the protagonist, Shekhar, through many phases of his lifestyle. The novel explores Shekhar’s evolution from a carefree and idealistic youth into a mature person grappling with the complexities of daily life.

सिंह राज ने देखते ही देखते सभी सियारों को खदेड़ दिया। जिसके कारण उसके मित्र सुरसिंह की जान बच सकी

बड़े-बड़े मकानों, बड़ी-बड़ी दूकानों, लंबी-चौड़ी सड़कों, एक से एक बढ़ के कारख़ानों और रोज़गारियों की बहुतायत ही के सबब से नहीं, बल्कि अंग्रेज़ो की कृपा से सैर तमाशे का घर बने रहने और समुद्र का पड़ोसी होने तथा जहाज़ी तिजारत की बदौलत आला दरजे की तरक़्क़ी माधव प्रसाद मिश्र

अमूल अमेरिकी दूध बाज़ार पर पकड़ बनाने के लिए कर रहा ये कोशिश

इन्दुमती अपने बूढ़े पिता के साथ विंध्याचल के घने जंगल में रहती थी। जबसे उसके पिता वहाँ पर कुटी बनाकर रहने लगे, तब से वह बराबर उन्हीं के साथ रही; न जंगल के बाहर निकली, न किसी दूसरे का मुँह देख सकी। उसकी अवस्था चार-पाँच वर्ष की थी जबकि उसकी माता का परलोकवास किशोरीलाल गोस्वामी

उसके शरीर का आधा click here हिस्सा हिंदुस्तान और आधा पाकिस्तान की सीमा में आता है.

लेकिन ख़ुद सोचें कि क्या इसी कहानी में यह वाक्य कमतर था :

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